Core Of The Heart
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बनता घोड़ा,
उसे पीठ पर घुमाता ।
रोज़ बाज़ार जाकर,
उसके लिए उपहार लाता ॥
संग उसके खेलता,
उसे खूब पढ़ाता ।
करती कोई शरारत तो,
डाँटकर प्यार से समझाता ॥
रक्षक बनकर,
उसे हर संकट से बचाता।
कोई नज़र उठती उसकी ओर तो ,
वो आँख ही निकाल लाता ॥
सजाता उसकी डोली,
एक राजकुमार खोज लाता।
अगर होती एक छोटी बहन मेरी,
उसे सर – आँखों पर बिठाता ॥
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