Core Of The Heart
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परिवर्तन जीवन का नियम है,
इस बात को आत्मसात कर |
गम के बादल से तू अब न,
आंसुओं की बरसात कर ||
मस्तक पर न हाथ धर ,
चल उठ खड़ा हो पग पर अपने |
एक बार फिर निद्रा की गोद में जाकर,
देख ले तू अनगिनत सपने ||
सपनों को सच करने का ,
फिर से सशक्त प्रयास कर |
दूसरों के मुख न देख,
वरन खुद पर ही विश्वास कर ||
परिश्रम से ही होती है,
मनुष्य के हर कार्य की पूर्ति |
श्रद्धा से ही सजीव हो उठती है ,
वो अचल पत्थर की मूर्ति ||
जो मन में बसा है,
उसकी तस्वीर बनाने की क्या जरूरत ?
मनुष्य खुद ही भाग्य – विधाता है,
उसे तकदीर बताने की क्यों हिमाक़त ?
मत सोंच ज्यादा तू,
बस इतना ही जान ले |
सफलता निश्चय ही तेरी है,
तू यदि खुद को पहचान ले ||
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